Man Made Products
प्रमुख विस्फोटक
डायनामाइट
- इसका आविष्कार सन 1868 ईस्वी में अल्फ्रेड नोबेल ने किया।
- यह नाइट्रोग्लिसरीन को किसी अक्रिय पदार्थ जैसे लकड़ी के बुरादे में अवशोषित करके बनाया जाता है।
- जिलेटिन डायनामाइट में नाइट्रोसैलूलोज की मात्रा उपस्थित रहती है। इसके विस्फोट के समय उत्पन्न गैस का आयतन बहुत अधिक होता है।
- आधुनिक डायनामाइट में नाइट्रोग्लिसरीन की जगह सोडियम नाइट्रेट का उपयोग किया जाता है।
ट्राई-नाइट्रो टाल्विन(T.N.T)
- यह टॉल्विन (C6H5CH3)के साथ सान्द्र H2SO4 एवं सान्द्र HNO3 की क्रिया से बनाया जाता है। इसकी विस्फोटक गति 6900 मीटर प्रति सेकंड है।
ट्राई-नाइट्रो-फिनाॅल (T.N.P.)
- इसे पिक्रिक अम्ल भी कहते हैं।
- यह फिनाॅल और सांद्र HNO3 अम्ल की क्रिया से बनाया जाता है।
ट्राई-नाइट्रो ग्लिसरीन (T.N.G.)
- यह एक रंगहीन तेलीय द्रव है।
- इसे नोबेल का तेल भी कहते हैं।
- यह डायनामाइट बनाने में काम आता है।
- यह सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल व सांद्र नाइट्रिक अम्ल की ग्लिसरीन के साथ अभिक्रिया करके बनाया जाता है।
आर-डी-एक्स (R.D.X.)
- R.D.X. का पूरा नाम Research and Developed Explosive है।
- इसका रासायनिक नाम साइक्लो ट्राई-मिथाइलीन-ट्राई नाइट्रो माइन है
- U.S.A. में साइक्लोनाइट, Germany में हेक्सोजन और Italy में T-4 के नाम से जाना जाता है।
- R.D.X. में तापमान और आग की गति को बढ़ाने के लिए एल्युमीनियम चूर्ण को मिलाया जाता है।
- R.D.X. विस्फोटक की ऊष्मा 1510 किलो कैलोरी प्रति किलोग्राम होती है।
- इसकी खोज 1899 में जर्मनी के हैंस हेनिंग ने शुद्ध सफेद दानेदार पाउडर के रूप में किया था।
- इसका प्रयोग द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान इसे स्थिर योगिक के रूप में परिवर्तित किए जाने के बाद शुरू हुआ।
बारूद(Gun Powder)
- इसकी खोज रोजर बैंकन ने की।
- इसे बनाने में पोटेशियम नाइट्रेट का उपयोग किया जाता है ।
- इसका प्रथम अभिलेखित प्रयोग 1346 में अंग्रेजों द्वारा यूनान के युद्ध में किया गया था।
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