First Woman Prime Minister of the World (Sirimavo Bhandaranaike)


(17April 1916-10 Oct. 2000)

 जन्म

सिरिमाओ भंडारनायके का जन्म 17 अप्रैल 1916 को रत्नापुरा (श्रीलंका) में हुआ। इनका पूरा नाम सिरिमाओ रतवाते दियास भंडारनायके था। इन्हें सिरिमाओ आरडी भंडारनायके भी कहते हैं। वह बौद्ध धर्म में आस्था रखती थी। इनकी माता का नाम रोजमंड महावलातेन रतवाते,जो कि एक प्रतिष्ठित आयुर्वेदिक चिकित्सक  थी।  उनके पिता का नाम बांर्स रतवाते, जो कि एक राजनीतिज्ञ थे। यह 6 भाई-बहन थे, जिनमें सिरिमाओ भंडारनायके सबसे बड़ी बहन थी।

  शिक्षा

  1923 में रत्ना पुरा के फर्ग्युसन हाई स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की।  फिर उन्हें सेंट  ब्रीजे़ट कॉन्वेंट (कोलंबो) में बोर्डिंग स्कूल भेज दिया। हालांकि उनकी शिक्षा कैथोलिक स्कूल प्रणाली में थी। लेकिन वह जीवनभर बौद्ध धर्म का अभ्यास करती रही । 19 साल की उम्र में पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद वह सामाजिक कार्यों में शामिल हो गई।

 विवाह

  1940 में इनका विवाह सोलोमोन भंडारनायके से हुआ। सोलोमोन भंडारनायके उस समय लोकसभा के सदस्य थे । सोलोमन भंडारनायके 1956 में श्रीलंका फ़्रीडम पार्टी के नेता के रूप में प्रधानमंत्री बने। 26 सितंबर 1959 को सोलोमन भंडारनायके की हत्या एक बौद्ध चरमपंथी ने उनके कार्यकाल के दौरान ही कर दी थी। सोलोमोन भंडारनायके और सिरिमाओ भंडारनायके की तीन संताने( पुत्रियां) हुई। जिनका नाम है:
  1. सुनेत्रा
  2. चंद्रिका कुमारतुंगा ( 1994 से 2005 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रही।)
  3. अनारा ( श्रीलंका की पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा संसद की अध्यक्षा रह चुकी है।)

 राजनीति

 21 जुलाई 1960 को  सिरिमाओ भंडारनायके की  फ्रीडम पार्टी ने आम चुनाव में 150 सीटों में से 75 सीटें जीतकर विश्व की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी। वह श्रीलंका की फ्रीडम पार्टी की नेता थी । वह सामाजिक कल्याण में ज्यादा दिलचस्पी लेती थी । इनकी सरकार ने विभिन्न आर्थिक उद्यमों का राष्ट्रीयकरण किया और एकमात्र सिंहली भाषा को अधिकारिक बनाने वाला कानून लागू किया। उन्होंने 1971 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 26वें सत्र का संबोधन भी किया था, जिसमें हिंद महासागर में शांति क्षेत्र की स्थापना के प्रस्ताव के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन का आवाहन किया गया।इन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। वह इस प्रकार है:
  1.  पहली बार 1960 से 1965 तक
  2. दूसरी बार 1970 से 1977 तक
  3. तीसरी बार 1994 से 2000 तक
1980 मैं सिरिमाओ भंडारनायके पर चुनाव में देरी करने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने का आरोप भी लगा ।

 मृत्यु

10 अक्टूबर, 2000 को सिरिमाओ भंडारनायके का निधन कोलंबो (श्रीलंका) में 84 साल की उम्र में अपने कार्यकाल के दौरान हुआ।


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