महात्मा गांधी के कथन एवं नारे


महात्मा गांधी के कथन एवं नारे
 

  1.  "करो या मरो"
  2. "सत्य और अहिंसा ही मेरे ईश्वर है"
  3.  "अंग्रेजों ! भारत छोड़ो "
  4. "पाकिस्तान मेरी लाश पर बनेगा"
  5.  "मेरा अंतिम उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति के आंसू पोछना होगा"
  6. "बाद की तिथि में भुनाए जाने वाला चेक" ( क्रिप्स मिशन प्रस्ताव )
  7. "यदि सारा भारत भी आग की लपटों से घिर जाए, फिर भी पाकिस्तान नहीं आ सकेगा "
  8. "फिरोजशाह मुझे हिमालय की तरह दिखाई दिए, जिसे मापा नहीं जा सकता। और लोकमान्य तिलक महासागर की तरह, जिसमें कोई आसानी से उत्तर नहीं सकता। पर गोखले तो गंगा के समान थे, जो सबको अपने पास बुलाती है"
  9.  "भारतीय संस्कृति पूरी तरह न हिंदू , न इस्लामी और न ही कुछ अन्य वह सब का संयोजक है "
  10. "नेहरू मेरे राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं"
  11.  "पट्टाभि की हार मेरी हार है"
  12. "वे (नेहरू) नितांत उज्जवल है, और उनकी सच्चाई संदेश से परे है, राष्ट्र उनके हाथों में पूरी तरह सुरक्षित है" 
  13. "अंग्रेजों ! भारत को जापान के लिए मत छोड़ो, बल्कि भारत को भारतीयों के लिए व्यवस्थित रूप से छोड़ जाओ"
  14.  "मैं खाली हाथ लौटा हूं, परंतु देश की इज्जत को मैंने बट्टा नहीं लगने दिया"
  15.  "भारत के सौरमंडल का एक सितारा डूब गया "(लाजपत राय की मृत्यु के संदर्भ में)

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