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महात्मा गांधी के कथन एवं नारे

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महात्मा गांधी के कथन एवं नारे    "करो या मरो" "सत्य और अहिंसा ही मेरे ईश्वर है"  "अंग्रेजों ! भारत छोड़ो " "पाकिस्तान मेरी लाश पर बनेगा"  "मेरा अंतिम उद्देश्य प्रत्येक व्यक्ति के आंसू पोछना होगा" "बाद की तिथि में भुनाए जाने वाला चेक" ( क्रिप्स मिशन प्रस्ताव ) "यदि सारा भारत भी आग की लपटों से घिर जाए, फिर भी पाकिस्तान नहीं आ सकेगा " "फिरोजशाह मुझे हिमालय की तरह दिखाई दिए, जिसे मापा नहीं जा सकता। और लोकमान्य तिलक महासागर की तरह, जिसमें कोई आसानी से उत्तर नहीं सकता। पर गोखले तो गंगा के समान थे, जो सबको अपने पास बुलाती है"  "भारतीय संस्कृति पूरी तरह न हिंदू , न इस्लामी और न ही कुछ अन्य वह सब का संयोजक है " "नेहरू मेरे राजनीतिक उत्तराधिकारी हैं"  "पट्टाभि की हार मेरी हार है" "वे (नेहरू) नितांत उज्जवल है, और उनकी सच्चाई संदेश से परे है, राष्ट्र उनके हाथों में पूरी तरह सुरक्षित है"  "अंग्रेजों ! भारत को जापान के लिए मत छोड़ो, बल्कि भारत को भारतीयों के लिए व्यवस्थित रूप

Online Classes Side-Effect During Lockdown

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Lockdown के दौरान होने वाली Online Classes के नुकसान  पढ़ाई का माहौल जो कि क्लास रूम में होता है। वह  Online Classes के जरिए नहीं बन पा रहा है।  ज्यादातर समय नेटवर्क प्रॉब्लम रहती है। जिस कारण कई  छात्र-छात्राएं class  attend नहीं कर पाते, या जो कर भी लेते हैं। उन्हें कमजोर नेटवर्क की वजह से कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी  Call Disconnect   होना, कभी  आवाज कट-कट के आना, Video या Audio  का चलते-चलते रुक जाना  आदि। Online Classes में अध्यापक और छात्रों के बीच खुलकर बात नहीं हो पाती है। Online classes के द्वारा विद्यार्थी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। एक ही अवस्था में काफी देर तक  बैठने से स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयां पैदा हो रही है। और ज्यादा समय तक मोबाइल फोन या लैपटॉप की स्क्रीन को लगातार देखने से आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है जिससे सिर दर्द, आंखों में दर्द , आंखों में चुभन  जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।  हर  विद्यार्थी का दिमाग तेज नहीं होता है। कुछ विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर  भी होते हैं तो उन्हें Online Classes के जरिए ज्यादा समझाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

Nobel Prize

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नोबेल पुरस्कार  नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडेन के वैज्ञानिक " अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल " ने 1901 में की थी। अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल का जन्म 1833 ई. में स्वीडन के शहर स्टॉकहोम में हुआ था। जब वह 9 वर्ष के हुए तो अपने परिवार के साथ रूस चले गए।   अल्फ्रेड नोबेल एक अविवाहित स्वीडिश वैज्ञानिक और केमिकल इंजीनियर थे। जिन्होंने 1867 ई. में डायनामाइट की खोज की।  स्वीडिश लोगों को 1896 में उनकी मृत्यु के बाद ही पुरस्कारों के बारे में पता चला। जब उन्होंने उनकी वसीयत पढी़। जिसमें उन्होंने अपने धन से मिलने वाली सारी वार्षिक आय पुरस्कारों की मदद करने में दान कर दी थी।  अपनी वसीयत में उन्होंने आदेश दिया था। कि " सबसे योग्य व्यक्ति चाहे वह स्कैंडिनेवियन हो या ना हो, पुरस्कार प्राप्त करेगा "।  उनके द्वारा छोड़े गए धन पर मिलने वाला ब्याज उन व्यक्तियों के बीच वार्षिक रूप से बांटा जाएगा। जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है।  विश्व के 58,960,000 अमेरिकी डॉलर के सबसे अधिक गौरवशाली पुरस्कार को नोबेल फाउंडेशन द्वारा मदद

Important Question

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एवरेस्ट शिखर पर पहुंचने वाला पहला  व्यक्ति      = शेरपा तेनजिंग (भारत) व सर एडमंड हिलेरी (न्यूजीलैंड)  उत्तरी ध्रुव पर पहुंचने वाला प्रथम व्यक्ति           = रॉबर्ट पियरी (U.S.A) दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला प्रथम  व्यक्ति        =  एमुंडसन (नॉर्वे)  विश्व का पहला धर्म                                    = सनातन धर्म उत्तरी ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम महिला          = कैरोलीन मिकेलसेन दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाली प्रथम महिला        = फ्रेंनफिप ( Canada) पुस्तक मुद्रित करने वाला पहला देश                = चीन कागजी मुद्रा जारी करने वाला पहला देश          = चीन सिविल सेवा प्रतियोगिता शुरू करने वाला पहला देश  = चीन संयुक्त राज्य अमेरिका का प्रथम राष्ट्रपति                  = जॉर्ज वाशिंगटन ब्रिटेन का प्रथम प्रधान मंत्री                       = रॉबर्ट वालपोल संयुक्त राष्ट्र संघ का प्रथम महासचिव             =ट्रिग्वैली (न

Man Made Products

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   प्रमुख विस्फोटक  डायनामाइट इसका आविष्कार सन 1868 ईस्वी में अल्फ्रेड नोबेल ने किया।  यह नाइट्रोग्लिसरीन को किसी अक्रिय पदार्थ जैसे लकड़ी के बुरादे में अवशोषित करके बनाया जाता है।  जिलेटिन डायनामाइट में नाइट्रोसैलूलोज की मात्रा उपस्थित रहती है। इसके विस्फोट के समय उत्पन्न गैस का आयतन बहुत अधिक होता है।  आधुनिक डायनामाइट में नाइट्रोग्लिसरीन की जगह सोडियम नाइट्रेट का उपयोग किया जाता है। ट्राई-नाइट्रो टाल्विन(T.N.T) यह टॉल्विन (C6H5CH3)के साथ सान्द्र H2SO4 एवं सान्द्र HNO3 की क्रिया से बनाया जाता है। इसकी विस्फोटक गति 6900 मीटर प्रति सेकंड है। ट्राई-नाइट्रो-फिनाॅल (T.N.P.) इसे पिक्रिक अम्ल भी कहते हैं।  यह फिनाॅल और सांद्र HNO3 अम्ल की क्रिया से बनाया जाता है। ट्राई-नाइट्रो ग्लिसरीन (T.N.G.) यह एक रंगहीन तेलीय द्रव है।  इसे नोबेल का तेल भी कहते हैं।  यह डायनामाइट बनाने में काम आता है। यह सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल व सांद्र नाइट्रिक अम्ल की ग्लिसरीन के साथ अभिक्रिया करके बनाया जाता है। आर-डी-एक्स (R.D.X.) R.D

Olympic Game

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 ओलंपिक खेल (1896  ई.) प्राचीन ओलंपिक खेल यूनान के ओलंपिया शहर में 776 ईसा पूर्व में प्रारंभ हुआ । पहली बार यह खेल ग्रीक देवता ज्यूस के सम्मान में खेला गया।  यह खेल तब से 4 वर्षों में एक बार 394 ई. तक खेले गए।फिर रोम के राजा थियोडोरियस के आदेश के कारण इन खेलों का आयोजन बंद कर दिया गया। आधुनिक खेल प्रतियोगिता का प्रारंभ 1896 ई. को फ्रांस के बैरोन पियरे डि कोबार्टिन के प्रयासों से यूनान के शहर में हुआ। इसका आयोजन भी प्रत्येक 4 वर्ष के बाद किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की स्थापना 1894 ई. में सखोन नामक स्थान पर हुई थी।  इसका मुख्यालय लोसाने (स्विजरलैंड) में है। अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ओलंपिक खेलों को संचालित करने वाली संस्था है। इस समिति की एक कार्यकारिणी होती है। जिसमें एक अध्यक्ष, तीन उपाध्यक्ष तथा सात अन्य सदस्य होते हैं। यह संस्था ओलंपिक खेलों का स्थान निर्धारित करती है। ( नोट: भारतीय ओलंपिक परिषद की स्थापना की गई थी और इसके प्रथम अध्यक्ष J.J. Tata थे।)  अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति की पहली भारतीय महिला सदस्य नीता अंबानी है। IOC ने 04 अग

First President of India (Dr. Rajendra Prasad)

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(03 Dec.1884 - 28Feb. 1963) जन्म               : 03 December 1884 जन्म स्थान       : जीरादेई गांव, सीकर जिला (बिहार) पूरा नाम          : राजेंद्र प्रसाद अन्य नाम         : राजेंद्र बाबू और देशरत्न माता               : कमलेश्वरी देवी( धर्म परायण महिला) पिता               : महादेव सहाय (संस्कृत एवं फारसी के विद्वान)  पूर्वज             : कुआंगांव, अल्मोड़ा (UP)   पार्टी              : भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(INC-Indian National Congress) पद                 : भारत के पहले राष्ट्रपति  (स्वतंत्रता के बाद) धर्म                 : हिंदू  राष्ट्रीयता          : भारतीय  भाई-बहन        : 05 (सबसे छोटे राजेंद्र प्रसाद थे)  मृत्यु              : 28 फरवरी 1963, पटना (बिहार)  जन्म राजेंद्र प्रसाद का जन्म बिहार प्रांत के एक छोटे गांव जीरादेई में 3 दिसंबर 1884  एक संयुक्त परिवार में पैदा हुए। राजेंद्र प्रसाद सबसे छोटे थे। इसीलिए सबके चहेते भी थे। उनका लगाओ अपनी माता और अपने बड़े भाई महेंद्र प्रसाद से ज्यादा था बचपन से ही वह काफी शांत और पढ़ाई लिखाई में बहुत अच्छ