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Online Classes Side-Effect During Lockdown

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Lockdown के दौरान होने वाली Online Classes के नुकसान  पढ़ाई का माहौल जो कि क्लास रूम में होता है। वह  Online Classes के जरिए नहीं बन पा रहा है।  ज्यादातर समय नेटवर्क प्रॉब्लम रहती है। जिस कारण कई  छात्र-छात्राएं class  attend नहीं कर पाते, या जो कर भी लेते हैं। उन्हें कमजोर नेटवर्क की वजह से कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कभी  Call Disconnect   होना, कभी  आवाज कट-कट के आना, Video या Audio  का चलते-चलते रुक जाना  आदि। Online Classes में अध्यापक और छात्रों के बीच खुलकर बात नहीं हो पाती है। Online classes के द्वारा विद्यार्थी के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। एक ही अवस्था में काफी देर तक  बैठने से स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयां पैदा हो रही है। और ज्यादा समय तक मोबाइल फोन या लैपटॉप की स्क्रीन को लगातार देखने से आंखों पर बुरा असर पड़ रहा है जिससे सिर दर्द, आंखों में दर्द , आंखों में चुभन  जैसी बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है।  हर  विद्यार्थी का दिमाग तेज नहीं होता है। कुछ विद्यार्थी पढ़ाई में कमजोर  भी होते हैं तो उन्हें Online Classes के जरिए ज्यादा समझाना बहुत मुश्किल हो जाता है।

Nobel Prize

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नोबेल पुरस्कार  नोबेल पुरस्कार की स्थापना स्वीडेन के वैज्ञानिक " अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल " ने 1901 में की थी। अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल का जन्म 1833 ई. में स्वीडन के शहर स्टॉकहोम में हुआ था। जब वह 9 वर्ष के हुए तो अपने परिवार के साथ रूस चले गए।   अल्फ्रेड नोबेल एक अविवाहित स्वीडिश वैज्ञानिक और केमिकल इंजीनियर थे। जिन्होंने 1867 ई. में डायनामाइट की खोज की।  स्वीडिश लोगों को 1896 में उनकी मृत्यु के बाद ही पुरस्कारों के बारे में पता चला। जब उन्होंने उनकी वसीयत पढी़। जिसमें उन्होंने अपने धन से मिलने वाली सारी वार्षिक आय पुरस्कारों की मदद करने में दान कर दी थी।  अपनी वसीयत में उन्होंने आदेश दिया था। कि " सबसे योग्य व्यक्ति चाहे वह स्कैंडिनेवियन हो या ना हो, पुरस्कार प्राप्त करेगा "।  उनके द्वारा छोड़े गए धन पर मिलने वाला ब्याज उन व्यक्तियों के बीच वार्षिक रूप से बांटा जाएगा। जिन्होंने विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिया है।  विश्व के 58,960,000 अमेरिकी डॉलर के सबसे अधिक गौरवशाली पुरस्कार को नोबेल फाउंडेशन द्वारा मदद